भावांतर योजना से किसानों के चेहरे खिले, हजारों ट्रैक्टरों के साथ रैली निकालकर मुख्यमंत्री मोहन यादव का जताया आभार।
भावांतर योजना से किसानों के चेहरे खिले, हजारों ट्रैक्टरों के साथ रैली निकालकर मुख्यमंत्री मोहन यादव का जताया आभार।
भावांतर योजना की राशि पाकर किसान बेहद खुश हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार व्यक्त करने के लिए इंदौर के देपालपुर और उज्जैन में बड़ी ट्रैक्टर रैलियां निकालीं। रैली के दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों से बातचीत की।
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मध्य प्रदेश के किसान भावांतर योजना को लेकर बेहद उत्साहित हैं। इस योजना का लाभ मिलने पर उन्होंने अनोखे अंदाज में मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार जताया। किसानों ने रविवार को इंदौर के देपालपुर और उज्जैन में ट्रैक्टर रैलियां निकालीं। सैकड़ों किसान राज्य के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर आए। किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संकट की घड़ी में किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की है। यह सहायता उनके जीवन को बदल देगी।
किसानों ने कहा कि सीएम यादव ने त्योहारों के नजदीक आने पर यह सहायता प्रदान की है। इस बीच, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने श्योपुर जिले से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देपालपुर के किसानों से बात की। मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना लागू की है।
तैयारियाँ पहले से ही चल रही थीं।
11 अक्टूबर की रात को ट्रैक्टर रैली के लिए किसानों ने पूरी तैयारी कर ली थी। ट्रैक्टरों पर तरह-तरह के नारे और पोस्टर लगाए गए थे। इसके बाद, किसान एक जगह इकट्ठा हुए और सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ देपालपुर की सड़कों पर निकले। रैली की शुरुआत से लेकर अंत तक, किसानों ने मुख्यमंत्री यादव के समर्थन में नारे लगाए। इस बीच, उज्जैन में किसानों की ट्रैक्टर रैली कृषि उपज मंडी परिसर से शुरू हुई और आगर रोड, चामुंडा माता चौराहा, फ्रीगंज ओवरब्रिज और तीन बत्ती चौराहा होते हुए दशहरा मैदान पहुँची। रैली में शामिल ट्रैक्टरों पर मुख्यमंत्री यादव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कई पोस्टर और बैनर लगे हुए थे।
किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध सरकार
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कुछ दिन पहले कहा था कि राज्य सरकार किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। भावांतर योजना के तहत किसानों को राहत देने का सरकार का फैसला किसान संघों के सुझाव पर लिया गया है। किसान पहले की तरह ही मंडियों में सोयाबीन बेचेंगे। अगर उन्हें एमएसपी से कम कीमत मिलती है, तो सरकार नुकसान की भरपाई करेगी। यानी सरकार बिक्री मूल्य और एमएसपी के बीच के अंतर का भुगतान करेगी।
योजना कब से प्रभावी होगी?
भावांतर योजना सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए लागू की गई है। राज्य में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया 3 अक्टूबर से शुरू हुई है और 17 अक्टूबर तक चलेगी। यह योजना 24 अक्टूबर से प्रभावी होगी। इस योजना के अनुसार, अगर किसानों की सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर बिकती है, तो सरकार उनके नुकसान की भरपाई करेगी।
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